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आकाश साफ व स्वच्छ
िदख रहा है. कोरोना
ने कित को पुनजिवत
होने का मौका िदया है.
हम अपनी सामािजक
िजम्मेदारयों को समझते
हुए यथासंभव एक-दूसरे
की मदद कर रहे हैं.
हम अपने परवार और
दोस्तों क साथ पहले
से अिधक और बेहतर
समय िबता रहे हैं.
हम अपनी सीिमत
जरूरतों और संसाधनों
क साथ बेहतर िजंदगी
गुजार सकते हैं.
रोज क िबजी शेड्यूल की
िचंता िकये िबना अपने
बॉडी-क्लॉक क अनुसार
सोने-जागने लगे हैं.
हम देश-दुिनया में घिटत
हो रही पल-पल की
खबरों पर पैनी नजर
रखने लगे हैं.
स्वच्छ आदतों को अपना
रहे हैं. साथ ही, अपनी
हॉबी क िलए भी समय
िनकालने लगे हैं.
भीड़ और वाहनों का
शोर पशु-पिक्षयों और
कित की सुरीली तान
में तब्दील हो गया है.
हम अपने अलावा
संपूणर् िवश्व की रक्षा एवं
कल्याण क िलए एक
साथ ाथर्ना कर रहे हैं.
सड़कों पर बेवजह नहीं
िनकलने से लाखों
लीटर पेोल और डीजल
की बचत हुई है.
ह्यूमन-एिनमल कॉन्फ्लक्ट का परणाम है कोरोना
िफर से िखलिखला
उठी है हमारी कित कोिवड-19 संमण की वजह से
आज जब दुिनया क अिधकतर देशों में
लॉकडाउन घोिषत है आैर मानव िनिमर्त
िवकास क सारे संसाधन ठप्प पड़ हैं, तो
मानो एक बार िफर से हमारी कित को
झूमने और िखलािखलाने का मौका िमल
गया है. कित हमेशा ही अपने मूल स्वरूप
में ही सवर्ेष्ठ और सवार्िधक सुंदर तीत
होती है. िवकास क नाम पर जबसे हम
मनुष्यों ने उसक िवनाश की परपाटी गढनी
शुरू कर दी, तबसे उसकी यह खूबसूरती
मंद पड़ने लगी, िकतु अब एक बार पुन:
कित की यह सुंदरता अपने चरम पर
है. स्वच्छ नीला आकाश, शु हवा, शांत
वातावरण, पिक्षयों की चहचहाहट, पत्तों की
सरसराहट और अपने ाकितक परवेश में
जीव-जंतु का उन्मु िवचरण... ये सब
सपनों की दुिनया से एक बार िफर हकीकत
में तब्दील हो गया है. कित की यह
खूबसूरती अतुलनीय और
िदल को बेहद सुकन
देनेवाली है.
रचना ियदिशर्नी सुिखर्यों में
r.p.verma8@gmail.com
मुंबई बेस्ड फोटोाफर मानव मंगलानी ने अपने इंस्टााम पर देश क िविभ शहरों में सुनसान सड़कों पर नाचते मोरों की
तस्वीरें शेयर की हैं. इन्हें देख कर ऐसा लग रहा है िक ये मोर िबना िकसी खौफ क फल ऑन एंजॉय करने क मूड में हैं.
दिक्षण अीका क गर नेशनल पाक क पास सड़कों पर झपिकयां लेते इन शेरों क झुंड को
पाक क रेंजर रचड सॉवरी ने अपने कमरे में कद िकया. उनकी मानें, तो वे शेर सड़क से िसफ
पांच मीटर की दूर पर लेट थे. जब रचड ने उनकी तस्वीरें क्लक कीं, तो वे परेशान नहीं िदखे.
आराम से सोते रहे. आमतौर पर पाक की सड़कों पर जानवर नहीं आते. उन्हें इंसानी कदमों
क आहट का भय होता है, लेिकन िफलहाल लॉकडाउन क चलते 25 माचर् से पाक बंद है.
िसलीगुड़ी क बागदोगरा एयरपोट क नजदीक िवधान नगर
क्षे की िनवासी आकांक्षा झा ने ये तस्वीरें हमें भेजीं और
बताया िक लॉकडाउन क बाद वायु दूषण में आयी कमी
क परणामस्वरूप उनक घर की छत से अब कचनजंघा
की पहािड़यां साफ-साफ िदखने लगी हैं.
क सरकार की महत्वाकांक्षी 'नमािम गंगे परयोजना' में करोड़ों रुपये खचर् करने क बाद भी िजस
गंगा नदी को कई वष क अथक यास क बावजूद अब तक दूषण मु िकया जाना संभव नहीं
हो सका था, लॉकडाउन ने मा एक महीने में ही यह कमाल कर िदखाया. यह तस्वीर हरार क
गंगा नदी तट की है, जहां नदी का पानी इतना स्वच्छ और िनमर्ल हो गया है िक अब उसका तलछट
भी िदखने लगा है. पयार्वरणिवदों की राय है यह िक यह पानी िफर से पीने योग्य हो चुका है़.
माचर् क अंितम सप्ताह में ओिडशा क गंजाम िजले क 6
िकलोमीटर लंबे रुिशकल्या (तस्वीर में) और गिहरमाथा
समु तट पर इस बार करीब 7 लाख 90 हजार ओिलव
रडले कछए अंड देने क िलए पहुंचे. इन कछ ने
गिहरमाथा और रूसीकल्य में छह करोड़ से ज्यादा अंड
िदये. मानो इन्होंने अपने संघषर् का यु जीत िलया हो और
'अपने समु में' वापस से इनका अपना कब्जा हो गया हो.
आनेवाले कल में जब कोरोना की इस िवपदा से हम उबर जायेंगे और िफर
से िजंदगी अपने सामान्य ढर पर चलने लगेगी, उस व भी कित की यह
सुंदरता बनी रहे, इसक िलए हम सबको िमल कर यास करना होगा. हमें
ध्यान देना होगा िक हम िवकास तो करें, लेिकन कित क िवनाश की शत
पर नहीं, वरना आज कोरोना है, कल को कोई दूसरी आपदा आयेगी और
इस तरह हमारे अस्तत्व का समूल नष्ट होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
याद रखंे, सबक साथ से ही सबका िवकास संभव है.
पैथोजेंस और परजीवी हमारे वातावरण में हमेशा से मौजूद रहे हैं़ सभी जीव-जंतु और कीड़-मकोड़ अपने साथ
पैथोजेंस और परजीिवयों को करी करते हैं. िफर चाहे वो चमगादड़ हो या िफर चूहे, कत्ते या गाय-भैंस़ जब तक
ये अपने ाकितक परवेश में रहते हैं, तब तक ये पैथोजेंस या परजीवी हमारे िलए नुकसानदायक नहीं हैं, लेिकन
जब उनक ाकितक आय को िडस्टबर् िकया जाता है, तो वो मानवीय आबादी क संपक में आने को मजबूर होते
हैं, जहां वे अपने साथ माइो-ऑगिनज्म को भी लाते हैं, जो इंसानों क िलए ाणघातक िस होते हैं. इसी कारण
कभी हम प्लेग, कभी स्वाइन फ्लू तो कभी कोिवड-19 जैसी संामक बीमारयों क चपेट में आ रहे हैं. ये सब
ह्यूमन-एिनमल कॉन्फ्लक्ट का दुष्परणाम है. À एल आर िसंह, चैयरमैन, बायोडाइविसर्टी बोड, झारखंड
मशहूर फाेटोाफर और वलर अरुण बजाज ने अपने
फसबुक पेज पर कई िविशष्ट पिक्षयों की तस्वीरें शेयर की हैं.
स्पेशल न से 1187 िमक व छा पहुंचे पटना, घर वापसी पर िखल उठ चेहरे
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