समय पत्रिका के इस अंक में हमने कुछ ख़ास किताबों की चर्चा की है। 'इकिगाई' पुस्तक दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। कारण है इसमें लिखी बातें। बुढ़ापे में भी स्वस्थ रहकर जीवन जीने की कला पर आधारित यह पुस्तक कहती है कि जापानी भाषा में रिटायर शब्द के लिए कोई भी शब्द नहीं है। जैसे अंग्रेज़ी में एक उम्र के बाद नौकरी या काम बंद करने के लिए ‘रिटायरमेंट’ शब्द है, वैसा कोई शब्द जापानी भाषा में नहीं है। जापानी लोग 'इकिगाई' के रहस्य को जानते हैं। यह किताब वही रहस्य बताती है। अच्छे शोध के बाद यह पुस्तक तैयार हुई है जिसे पढ़ा जाना जरुरी है। वरिष्ठ लेखक डॉ. लक्ष्मीनारायण गर्ग की नई पुस्तक 'शिखंडी' चर्चा में है। यह उपन्यास प्राचीन युग की नारी के जीवन पर आधारित है, जो वर्तमान युग की नारी को उसकी स्वतंत्रता, उसके अधिकार और स्वाभिमान की रक्षा करने हेतु संघर्ष करने का संदेश व प्रेरणा देती है। वहीं समय पत्रिका के अंक में रवीश कुमार की बेस्टसेलर किताब 'बोलना ही है' पर उनके विचार पढ़ें। हम बात करेंगे युवा लेखक प्रवीण कुमार झा की इ-बुक्स के बारे में। यह वही लेखक हैं जिन्होंने गहन शोध के बाद 'कुली लाइंस' लिखी थी जिसमें प्रवासी भारतीयों पर विस्तार से लिखा गया है। मंजुल पब्लिशिंग हाउस ने 'मुग़ल-ए-आज़म' फ़िल्म पर एक ख़ास किताब प्रकाशित की है। इस किताब की चर्चा भी इस अंक में शामिल है। साथ में पढ़ें नई किताबों की चर्चा।
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