समय पत्रिका का यह अंक बेहद ख़ास है। हमने इस बार पहले से अधिक किताबों की चर्चा एक अंक में की है। मोहम्मद अली जिन्ना पर शीला रेड्डी की शानदार किताब 'मिस्टर और मिसेज़ जिन्ना' में एक बेमेल शादी की बात की गयी है। हालांकि यह उम्र के मुताबिक विवाह नहीं था। जिन्ना का बहिष्कार हुआ था। जिस बेटी समान रुटी से उन्होंने विवाह किया वह 29 साल भी पूरे न कर सकी। दूसरी ख़ास किताब यतीन्द्र मिश्र द्वारा लिखी 'अख़्तरी: साज और सोज़ का अफ़साना' है। इसमें अख़्तरीबाई से बेग़म अख़्तर के बनने की दास्तान है। यह किताब एक दस्तावेज़ की तरह है जिसमें उनकी ज़िन्दगी के अलग-अलग पहलुओं का जिक्र किया गया है। यतीन्द्र मिश्र ने कोठे से कोठी तक के सफ़र को बहुत ही दिलचस्प अंदाज़ में पेश किया है। नियोगी बुक्स ने मशहूर चित्रकार मकबूल फ़िदा हुसेन पर एक किताब प्रकाशित की है जिसमें उनके जीवन के अनगिनत किस्सों के जरिये इस बहुआयामी कलाकार के व्यक्तित्व पर रोशनी डालने की कोशिश की गयी है। आशीस नंदी की पुस्तक 'जिगरी दुश्मन' उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ मानस के स्तर पर किए जाने वाले प्रतिरोध को गम्भीरता से लेती है। साथ में पढ़ें नई किताबों की चर्चा।
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