समय पत्रिका का प्रयास रहता है ज्यादा से ज्यादा किताबों की अच्छी जानकारी पाठकों तक पहुँचे। इसी उद्देश्य को पूरा करते हुए यह अंक हाज़िर है। इस अंक में डॉ. कुमार विश्वास की एक ख़ास किताब 'ब्रज व कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना' अतीत से वर्तमान की एक गहन पड़ताल है। यह किताब हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों को उनके सांस्कृतिक अतीत से रु-ब-रु कराती है। सात अध्यायों में विभाजित इस पुस्तक में लोकगीतों और उनका आशय स्पष्ट करने ले लेकर, उनकी व्याप्त काव्यगत विशेषताओं के उल्लेख तक बहुत ही रोचक और साहित्यिक भाषा में पाठकों को ब्रज एवं कौरवी लोक काव्य के बारे में बताया है।
इसके साथ पढ़ें मयंक पाण्डेय की चर्चित किताब 'पलायन.पीड़ा.प्रेरणा' की ख़ास बातें। इसमें लेखक ने लॉकडाउन के दौरान घटीं ऐसी पचास घटनाओं को दर्ज किया है जो प्रेरणा देती हैं तथा महामारी के इस दौर में उम्मीद भी जगाती हैं।
त्रिलोकनाथ पांडेय का उपन्यास 'चाणक्य के जासूस' बहुत ही दिलचस्प है। इसे गहन शोध और तैयारी के साथ लिखा गया है। इसमें गुप्तचरी के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। त्रिलोक जी का यह दूसरा उपन्यास है।
इस अंक में पढ़ें बालेन्दु द्विवेदी के उपन्यास 'वाया फुरसतगंज' पर उनके विचार। साथ में ऐमेज़ॉन की कहानी भी इस अंक में शामिल की गई है कि कैसे एक मामूली स्टार्टअप दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन जाती है जिसपर लगभग हर सामान मौजूद है।
आशुतोष गर्ग और अत्रि गर्ग की किताब 'कल्कि : दसवें अवतार का उदय' की ख़ास चर्चा की गई है। साथ में पढ़ें नई किताबों की अच्छी बातें।
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