समय पत्रिका के इस अंक में कई ख़ास किताबों पर चर्चा की गई है। युवा लेखिका अणुशक्ति सिंह जिनका पहला उपन्यास 'शर्मिष्ठा' पाठकों द्वारा पसंद किया जा रहा है। इसका कारण है इसकी सहज भाषा। अणुशक्ति ने प्रवाह को पहले पन्ने से आखिरी पन्ने तक उसी तरह बनाए रखा है। रश्मि भारद्वाज की कविताओं में सुकून है। उनका काव्य संग्रह 'मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है' बेहद खूबसूरती से रचा गया है। यकीनन आपको हर कविता मखमली-सी लगेगी या यों कहें उनके काव्य से प्यार कर बैठेंगे। बहुत ही सुन्दरता से उन्होंने एक-एक पंक्ति को लिखा है, जिसे पढ़ना मन को राहत देता है। काव्य में एक असर होना चाहिए, एक लय होनी चाहिए, पाठक को संतुष्टि मिलनी चाहिए। पढ़ने के बाद वह उसके असर को महसूस करे। वह सोचे, सोचने पर मजबूर हो जाए। गहराई शब्दों में होती है, शब्द जब कविता रचते हैं, तो वहां एक तरह से रंगों का बिखराव होता है, जो काव्य को उत्कृष्ट बनाता है। यही रश्मि भारद्वाज की कविताओं में मिलता है। ऐसी कवितायें पढ़ना खुशकिस्मती भी है। वीरु सोनकर युवा रचनाकार हैं जिनके काव्य संग्रह पर इस अंक में उदय प्रकाश द्वारा चर्चा की गई है। वीरु की कविताओं ने कविता कहने के ढंग में अलग तरह की गहराई को प्रस्तुत किया है, जिसमें ज़िन्दगी की पोटली खुलती है, सिमटती है, और इसी तरह वास्तविकता के नए आयाम खुलते हैं। साथ में पढ़ें नई किताबों की ख़ास बातें।
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