समय पत्रिका के इस अंक में इस साल की सबसे ख़ास किताब 'नैना' की चर्चा की गई है। यह ऐसा उपन्यास है जिसमें आपको सस्पेंस, क्राइम और थ्रिल सब मिलेगा। यह उस दुनिया से हमें रुबरु कराता है, जहां रोज़ हज़ारों कहानियां बनती हैं। वह ऐंकर जिसकी हत्या हो जाती है, उसकी कहानी को मशहूर टीवी पत्रकार संजीव पालीवाल ने बहुत ही अच्छे से बुना है। हालांकि यह कहानी काल्पनिक है, लेकिन इसमें बहुत हद तक उन स्याह पहलुओं को दिखाने की कोशिश की है जिन्हें हम उतना नहीं जानते। रितु नंदा ने जानेमाने अभिनेता राजकपूर पर एक बहुत बेहतरीन किताब लिखी है। इसमें उन्होंने राजकपूर की जिन्दगी के पहलुओं को हमारे सामने प्रस्तुत किया है। बहुत सी ऐसी बातें जो हम उनके बारे में नहीं जानते, इस पुस्तक में पढ़ी जा सकती हैं। रितु नंदा भी अब हमारे बीच नहीं हैं। उनके द्वारा लिखी किताब किसी ख़ास दस्तावेज से कम नहीं है। मनोहर श्याम जोशी की पुस्तक 'बॉल गिनुवा' और ओपरा विनफ्रे की पुस्तक 'ये जो है ज़िन्दगी' की चर्चा भी इस अंक में पढ़ेंगे। वहीं अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने परवरिश पर अपने प्रयोगों की एक पुस्तक 'मॉर्डन गुरुकुल' के बारे में बताया है। इस अंक में हमने उनके विचार पाठकों से साझा किए हैं। साथ में नई किताबों की ख़ास बातें।
समय पत्रिका हिंदी की मासिक पत्रिका है.