समय पत्रिका के इस अंक में हमने गुलज़ार साहब पर लिखी एक ख़ास किताब 'बोसकीयाना' की चर्चा की है। किताब को प्रस्तुत किया है जानेमाने पत्रकार और लेखक यशवंत व्यास ने। इसके माध्यम से हम गुलज़ार को गहराई से जानने की कोशिश करते हैं।
प्रभात प्रकाशन ने 'जीरो से गोल्ड मेडलिस्ट' नामक पुस्तक प्रकाशित की है। यह एक प्रेरणादायक पुस्तक है जिसमें टॉपर बनने के नियमों पर सरलता और दिलचस्प अंदाज़ में चर्चा की गयी है।
'स्टार्ट अप गाइड' पुस्तक का प्रकाशन वाणी प्रकाशन द्वारा किया गया है। यह किताब एक बेहतरीन मार्गदर्शक की तरह कार्य करती है। पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप का परिदृश्य तेजी से बदला है और इसमें उत्साहजनक वृद्धि हो रही है।
चिकित्सा और दवाओं के बारे में उचित सलाह देने वाली किताब 'ज़िंदगी इतनी सस्ती क्यों?' में लेखक डॉ. अबरार मुल्तानी ने दवाओं के बढ़ते कारोबार पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने दवाओं कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीतियों के विषय में बात की है जिसके अनुसार कंपनियों मरीजों को भय दिखाकर पैसे बनाती हैं।
साथ में हम चर्चा करेंगे धवल कुलकर्णी की किताब 'ठाकरे भाऊ' की जिसका अनुवाद प्रभात रंजन द्वारा किया गया है। इसमें उद्धव ठाकरे और बाल ठाकरे के राजनीतिक जीवन पर गहराई से पड़ताल कर लिखा गया है। इसे पढ़ना दिलचस्प अनुभव है।
इस्लामिक स्टेट के खिलाफ नादिया मुराद की कहानी 'द लास्ट गर्ल' को मंजुल पब्लिशिंग हाउस ने हिन्दी में प्रकाशित किया है। साथ में होगी नई किताबों की चर्चा।
समय पत्रिका हिंदी की मासिक पत्रिका है.