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Rampur Ka Pradhan
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Rampur Ka Pradhan

By: Wisdom Village Publications
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About Rampur Ka Pradhan

हमारे समाज में कहीं ना कहीं, किसी ना किसी रूप में दानव व्याप्त हैं, और ऐसे दानवों की उपस्थिति से समाज के लोगों का जीवन त्रस्त है| ऐसे ही एक बर्बर एवं क्रूर शैतान का नाम देवराज है| देवराज अत्यंत अधम और नीच प्रकृति का व्यक्ति है, जो गाँव के विकास के लिये आया हुआ समस्त धन अपने विकास के लिये इस्तेमाल करता है| इस के अतिरिक्त अपने अन्य व्यापारों में भी वह सभी तरह के हथकंडे अपनाता है| देवराज के लिये उस का परिवार ही सर्वोपरि है| उस के जीवन का एकमात्र ध्येय है कि अपने बच्चों के लिये इतना धन कमाना कि उन की सत्तर पुश्तें खा सकें| राजनीति का पूर्ण रूप से व्यापारीकरण होने के कारण इस में धन कमाने के प्रचुर अवसर देख देवराज की दृष्टि अब इस व्यापार पर है| अपनी इसी विशिष्ट योजना के तहत देवराज ने अपने बड़े भाई के स्थान पर अपने खेतों में काम करने वाले एक दलित मजदूर गंगू को गाँव का प्रधान बनवाया| किंतु आत्म सम्मानी गंगू ने देवराज को अपनी कुटिल योजना में सफल नहीं होने दिया, अपितु उस ने इक्कीस वर्षीय मुस्कान को रामपुर विद्यालय में शिक्षामित्र नियुक्त कर लिया| मुस्कान की अपने कार्य के प्रति सजगता और समर्पण से देवराज की मुश्किलें और भी जटिल एवं विकट हो गईं| कुंठाग्रस्त देवराज ने एक भयावह षड्यंत्र की रचना की, कारणवश समस्त रामपुर गाँव में कोहराम मच गया ........