logo

Get Latest Updates

Stay updated with our instant notification.

logo
logo
account_circle Login
Chhuimui
Chhuimui

Chhuimui

By: Virtuous Publications
100.00

Single Issue

100.00

Single Issue

About Chhuimui

इस उपन्यास में एक औरत के जीवंत कहानी को उकेरा गया है। इस उपन्यास की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं ‘‘मनीषा को याद आ गया। जब छुईमुई का पौध हरा था। उसकी मां उस गमले के पास बैठी रहतीं और उसकी पत्तियां छूकर उसे एक टक देखती रहतीं। जब तक पत्तियां ठीक नहीं हो जाती वह देखती रहतीं। गीता जीजी जब मां को देख लेती तो अम्मा जी का हाथ पकड़कर वहां से ले जाती थी। वह रोज छुईमुई के गमले में पानी डालती थी।’’