पुस्तक ‘खै़याम का जाम’ में लेखिका ने ऐतिहासिक घटनाओं के माध्यम से खैयाम की आध्यात्मिकता, सदाचार तथा ज्ञान का दर्शन कराने की कोशिश की है। इस कविता की शब्दावली में थोड़ी स्वतन्त्रता है तथा भाव को स्पष्ट किया गया है। साथ ही कविता की भाषा तथा शैली में एक ऐसी स्वाभाविकता मिलती है जिसे लाना मौलिक रचना में प्रायः कठिन होता है। इस कविता के बहाव में सिमटी विचारों की गहनता एवं कवि की कल्पना इस प्रकार से प्रस्तुत की गई है कि इन्हें पढ़कर पाठक मुग्ध हो जाता है।