‘अलबेलिया’ मेरी पहली किताब है, जिसे जीवन के आनन-फानन में लिखने का प्रयास मैंने नहीं किया है. अपने कचरस अनुभव से जिन्दगी को देखा है, समझा है, जीया है और उनमें से दिल को छूने वाली बातों को कहानियों के सांचे में ढ़ाला है फिर निकाला है और साहित्यिक प्रदर्शिनी के बाजार में आपके प्यार की एक बूंद पाने की आस में छोड़ा है. मुझे भरोसा हैं यह किताब आपको पसंद आयेगी और आपका ढ़ेर सारा प्यार मुझे मिलेगा.