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RUBARU – DILON KI THAH LETE AFSANE
RUBARU – DILON KI THAH LETE AFSANE

RUBARU – DILON KI THAH LETE AFSANE

By: Rigi Publication
78.00

Single Issue

78.00

Single Issue

  • Fri Jul 08, 2016
  • Price : 78.00
  • Rigi Publication
  • Language - Hindi

About RUBARU – DILON KI THAH LETE AFSANE

पुस्तक से कुछ अंश -:                    ‘‘  ‘‘मैं कुछ नहीं समझ पा रहा हूँ ,अंजलि! लेकिन तुम्हारे लिए मैंने सारी जिन्दगी का वक्त तुम्हें दिया।’’ अभय ने अंजलि की आंखों में झांककर कहा था।               अंजलि ने भी अभय की आंखों में देखा था। वो देख रही थी उसकी आंखों में और समझ गई थी कि अभय उसके फैसले को एक दिन जरूर समझेगा।               अंजलि की आंखों में हल्की नमी थी और वो अभय के गले लग चुकी थी। उसके मुंह से अस्पष्ट से शब्द  निकल रहे थे- ‘‘थैंक्यू अभय! आय लव यू!’’                ‘‘लव यू टू ,अंजलि!’’ अभय ने उसके कान के पास जाकर धीमे-से कहा था।               सूरज आसमान में अब चमकने लगा था। गंगा नदी की दिशा अब साफ देखी जा सकती थी। अभय के मन की हल्की उलझनों के छुटपुट बादल आसमान में मौजूद थे, लेकिन वह भी कभी न कभी गायब हो ही जाएंगे।’’  पुस्तक परिचय-:                      ‘रूबरू’ कथा संग्रह कहानियों के पौधों का एक ऐसा बेतरतीब बगीचा है, जिसमें से गुजरते वक्त जहां एक ओर ‘युवा-भावनाओं’ के ताज़े फूल आपका मन मोह लेंगे। वहीं इसकी ज़मीन पर पड़े ‘कुरूप-यथार्थों’ के सूखे पत्तों की चरमराहट इस बगीचे की सफाई के लिए प्रेरित कर जाएगी।              मध्यमवर्गीय युवाओं की आधुनिक महत्वाकांक्षाओं का परंपरावादी रूढि़यों से द्वन्द्व, संवेदनहीन युग में संवेदना-संरक्षण की सम्भावनाएं तलाशती कहानियों को दिल छू लेने वाले साधारण युवक-युवतियों के किरदारों के द्वारा आम जीवन के घटनाक्रमों व भाषा में प्रस्तुत करने का एक ईमानदार प्रयास है यह कथा-संग्रह।              प्रेमी-प्रेमिका, पति-पत्नी, बेटा-बेटी, दोस्त और विद्यार्थी जैसे युवा किरदारों के दिलों की आधुनिक परिप्रेक्ष्य में थाह लेते ऐसे अफसानों का संग्रह है ‘रूबरू’, जिनसे आप बार-बार इस पुस्तक के पृष्ठ उलट-उलट कर रूबरू होना चाहेंगे।