उमर ख़ैयाम की रुबाइयों का भावार्थ, सरल हिन्दी रुबाइयों द्वारा, जन साधारण तक पहुँचाने के अपने स्वप्न को, इस संग्रह द्वारा पूरा कर सक्ने पर मुझे अपार हर्ष और संतुष्टि का अनुभव हो रहा है । आशा करता हूँ कि मेरा यह प्रयास, पाठकों को उमर ख़ैयाम के जीवन दर्शन को समझने और उसका भरपूर आनंद दिलाने में सफल रहेगा ।