आसमान से चाँद जुदा नहीं होता जैसे गम मेरा मुझसे जुदा नहीं होता। वैसे चीर उठता है दिल मेरा ऐसे सुबह शाम का इंतजार करती है जैसे आसमान से चाँद जुदा नहीं होता। जैसे आँखों से पानी बरसता है ऐसे बरसात में धरती भीगी हो जैसे आसमान से चाँद जुदा नहीं होता। जैसे गम मेरा मुझसे जुदा नहीं होता वैसे दिल खुशी की आरजू करता है ऐसे शमा का परवाना इंतजार करता है जैसे आसमान से चाँद जुदा नहीं होता। जैसे गम मेरा मुझसे जुदा नहीं होता वैसे दिल पर नाम लिखा है तुम्हारा ऐसे आसमान में सितारे हो जैसे।