“चिलमन” के बाद “शजर” उसी कड़ी की दूसरी पुस्तक है| चिलमन में छोटी कविताएँ थीं, शजर में बड़ी कविताएँ हैं जो फिर से भावनात्मक ही हैं| बड़ी ही अच्छी तरह से हर कड़ी को जोड़ा गया है| कविताएँ मानव जीवन के हर पहलू को उज़ागर करती हैं| कई बार या यूँ कहें कि हर बार वह जीवन के किसी न किसी पहलू को छू ही जाती है| लेखिका पल्लवी नाहर शिक्षा, परिवार और समाज सहित कई क्षेत्रों का अनुभव रखती हैं, जिसकी वजह से उनकी लिखी कविताओं पाठकों को इन सभी क्षेत्रों का विस्तृत वर्णन मिलता है|