प्रेरक वक्ता और शिक्षाविद के तौर पर मशहूर मोहन लाल भया की यह क़िताब आपको उस सब स्थितियों भ्रमण करायेगी जिनसे आप मिलते तो रोज हैं लेकिन जान नहीं पाते. आप उनको अनसुलझी पहेली के तौर पर देखते हैं. आप समझ नहीं पाते कि उनका सामना कैसे किया जाय? “मन के भाव शब्दों में” आप उन्हीं सब से परिचित करा आपके आंतरिक तहों को कुरेदेगी. आप क़िताब को पढ़ेंगे और पढ़ते-पढ़ते उसमें खो जायेंगे. जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की प्रवृति आप में पैदा करने की कोशिश करती यह क़िताब आपको पसंद जरुर आएगी.