logo

Get Latest Updates

Stay updated with our instant notification.

logo
logo
account_circle Login
Antarvedana Ke Swar
Antarvedana Ke Swar
59.00

Single Issue

59.00

Single Issue

About Antarvedana Ke Swar

करुण क्रन्दित हृदय संवेदना से निःस्यूत स्वानुभव और जागनिक अनुभीतियों से अनुस्यूत भावनाएँ जब किसी सहृदय के उच्द्वास से उद्वेलित चित्र को द्रवित करने लगती है तो शब्द स्वर का स्वरूप बनकर कविता का रूप बनकर कविता का रूप ग्रहण करती है। -- प्रख्यात शिक्षाविद् एवं वरिष्ठ हिन्दी लेखक डॉ. राममूर्ति त्रिपाठी जनपद ग़ाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश के एक गाँव टांडा से ताल्लुक़ रखते हैं। डॉ. त्रिपाठी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) से वर्ष 1957 में स्नातक (बी.ए - हिन्दी ऑनर्स), मेरठ विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University) से वर्ष 1969 में परास्नातक (एम.ए - हिन्दी) एवं हिन्दी विश्वविद्यालय, प्रयागराज से आयुर्वेद रत्न की शिक्षा हासिल की है। वर्ष 1960 में भारतीय सेना में तकनीकी सहायक के तौर पर कार्यरत रहे चुके हैं। वर्ष 1965 में होमगार्ड में अध्यापन का कार्य भी किया है। वर्ष 1966, अक्टूबर माह से वर्ष 1995, जुलाई माह तक चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश (Medical Health and Family Welfare, Uttar Pradesh) में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत रह चुके हैं। फ़िलहाल अपने सेवानिवृत्त वाले समय का सदुपयोग सामाजिक सेवा में रत रहने के साथ-साथ साहित्यिक सेवा में रचनात्मकता के लिए प्रयासरत रह कर कर रहे हैं।