‘‘मेरी जीवन-नैया खा रही हिचकोले। सोच रहा हूूँ कि अब मैं सन्मार्ग अपनाऊँ, लगा कर गंगा में डुबकी पाप धो आऊँ।’’ मित्र बोले, ‘‘अच्छा है कि गंगा नहाया जाये, पर एक विकल्प है अगर आपको पसंद आये। आप राजनीति में करें प्रवेश, वहाँ आपको मिलेगा सम्मान विशेष। नहीं होगी टिकट की समस्या विकट सहजता से मिल जायेगा आपको टिकट। अति प्रखर है आपके कार्यों का इतिहास, चुनाव में आप जीतेंगे है पूर्ण विश्वास। एमएलए बन जब आप सत्ता-पक्ष में मिल जायेंगे, आप के सब पाप आपने आप ही धुल जायेंगे।’’