महाभारत में कर्ण भी एक पात्र है जिसे राजपुत्र होने पर भी शूद्र का जीवन व्यतीत करना पड़ा था क्योंकि वह कुँवारी माँ कुन्ती का पुत्र था और उसे नदी में प्रवाहित कर दिया गया था l जिसे शूद्र कुल की नारी राधा ने पुत्र मान कर पाला l शिक्षा गृहण के समय परुशराम से , शस्त्र प्रदर्शन के अवसर पर द्रोणाचार्य से और विवाह के लिए स्वयम्वर में राजा द्रुपद के द्वारा उसे शूद्र होने के कारण अपमानित होना पड़ा l “किस घर जन्मा, किसने पाला सूतपुत्र ही रहा विवादित, अपमानित ही सदा रहा वह, दुर्योधन के लिये समर्पित माँ, भाई, ऐश्वर्य, राजसुख, त्याग सभी वह दूर रहा था दान, वीरता, शोर्य, पराक्रम, मित्र प्रेम से सभी प्रभावित” ।।