महाराणा प्रताप का नाम लेते ही मुगल साम्राज्य की सत्ता को चुनौती देने वाले वीरता के ओज से परिपूर्ण एक अप्रतिम वीर योद्धा का बिम्ब हमारे मस्तिष्क में अनायास ही मूर्त रूप धारण कर लेता है । स्वतन्त्रता हेतु विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने जो संघर्ष किया उसकी सामान्य लोगों से कल्पना भी नहीं की जा सकती । मेवाड़ नरेश होते हुए भी उनके जीवन का अधिकांश भाग वनों और पर्वतों में इधर-उधर भटकते हुए व्यतीत हुआ । अपनी अदम्य इच्छा शक्ति और अपूर्व रण कौशल से अंततः वह मेवाड़ को स्वाधीन कराने में समर्थ हुए।
भौतिक सुख-लाभों की उपेक्षा करते हुए मातृभूमि की स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए उनका अनवरत संघर्ष इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है । प्रस्तुत है महाराणा प्रताप का सरल एवं सुबोध भाषा में संक्षिप्त जीवन चरित ।