स्त्रियां जो प्रायः गृह—कार्यों में व्यस्त रहती हैं—खुले मैदानों में आधुनिक खर्चीले खेल उनकी प्रकृति के विरुद्ध भी हैं— उनके लिए योग का मार्ग एक वरदान स्वरूप समझना चाहिए। योगाभ्यास से शरीर सुकोमल, स्वस्थ और सुन्दर बनता है, जिसकी चाह प्रत्येक स्त्री को रहती है।
विद्वान लेखक ने सुन्दर एवं सरल भाषा में अनुभव सिद्ध इस पुस्तक में जो दिया है, हमें पूर्ण विश्वास है कि न सिर्फ स्त्रियों को अपितु पुरुषों को भी इससे अपूर्व लाभ होगा।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से सम्पूर्ण विश्व में योग के प्रति आस्था बढ़ी है। योग से स्वस्थ एवं निरोगी जीवन प्राप्त किया जा सकता है।