अली काज़िम की शायरी को पढ़ते हुए निश्चित रूप से आप ऐसा महसूस करेंगे कि शायर ने आपकी अपनी अनुभूतियों को अभिव्यक्ति दी है। बस यही एहसास हमारे बीच के एक आम आदमी को शायर और कलाकार बना देता है। जिसकी कला को आम आदमी ने अपनी स्वीकृति दे दी, उसकी साधना सफल है। इससे बड़ा कोई पुरस्कार नहीं हो सकता। अली काज़िम की शायरी में यह गुण मौजूद है।