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हुकूमत के बहर में टैक्स का सैलाब आया है, लो भोली गाय की ख़ातिर बड़ा क़स्साब आया है। बुलबुलों अपने चमन इन्कलाब आया किया, औज पर सदहा तुम्हारा आफ़ताब आया किया। -इसी काव्य संग्रह के