शैलजा कौशल के पहले कहानी संग्रह 'वास्तव में' को पढ़ते वक्त मुझे कहानियों की विषय-वस्तु की विविधता तथा विस्तृत झलक से कहानी का यही गुण महसूस होता है। कहानियां हमें समाज का आईना दिखाती हैं।
जैसा कि मैंने कहा कि ये कहानियां हमें समाज का आईना दिखाती हैं। इनमें भारतीय मूल्यों की टूटन है, बिखराव है लेकिन नाउम्मीदी नहीं है। कहानी आशावाद की तरफ भी ले जाती है। अच्छी बात यह है कि कहानी सरल भाषा में साफ़गोई के साथ लिखी गई हैं। उनमें शब्दों का आडम्बर नहीं है। कहानियां दिल को छूती हैं।