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Tumahari Kalam Se
Tumahari Kalam Se

Tumahari Kalam Se

By: Diamond Books
125.00

Single Issue

125.00

Single Issue

  • तुम्हारी कलम से
  • Price : 125.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Tumahari Kalam Se

दोस्तो! शायरी की दुनिया में मेरा सफ़र जारी है। तमाम ख़ुशियों और बेतरतीब ग़मों को अपने शेरों में पिरोने का सिलसिला चल रहा है। ज़िंदगी में जो बेहद करीब थे, वो दूर चले गये, जिसका असर ज़ेहन के साथ-साथ मेरी शायरी पर भी पड़ा। मगर मुझे ऐसा लगता है कि दर्द उससे ज़्यादा बढ़ गया है, मेरे हर शेर में, जिसकी झलक आपको दिखायी देगी। मैंने अपने दर्द के साथ-साथ ज़माने के दर्द को भी शेरियत प्रदान करने की कोशिश की है जो दिखायी देता है, जो सुनायी देता है, शेर में उतारने की कोशिश करता हूं। इस सफ़र में तमाम मुश्किलें सामने रहती हैं, कुछ अपनों द्वारा खड़ी की गयीं, तो कुछ गैरों द्वारा। फिर भी कोशिशें जारी हैं। हौसला है तो सिर्फ उनका जो हमें सीधे-सीधे या आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के माध्यम से सुनते हैं। साथ ही उन पाठकों का, जो मेरी किताब पढ़ते हैं। अब तक मेरी दो किताब ‘तनहाइयों का शोर’ और ‘रहगुज़र’ प्रकाशित हो चुकी हैं जिन्होंने मुझे शायरी की बज़्म में पहचान बनाने में मदद की है। तीसरी किताब ‘तुम्हारी कलम से’ आपके सामने है। मैं आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में रहूंगा।