भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित आशापूर्णा देवी का जन्म 8 जनवरी, 1910 को हुआ था। कलकत्ता विश्वविद्यालय के ‘भुवन मोहिनी’ स्वर्ण पदक से अलंकृत आशापूर्णा जी को 1976 में पद्मश्री से विभूषित किया गया। सन् 1977 में अपने उपन्यास ‘प्रथम प्रतिश्रुति’ पर टैगोर पुरस्कार तथा भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया। अपनी 175 से भी अधिक औपन्यासिक कृतियों के माध्यम से आशापूर्णा जी ने समाज के विभिन्न पक्षों को उजागर किया है।