जीवन में विचारों का सर्वाधिक महत्त्व है। विचार ही हमारे जीवन को दिशा देते हैं, विचारों के आधार पर ही हम निर्णय लेते हैं। विचार व्यक्तिगत अनुभव, पठन-पाठन और परिवेश के आधार पर बनते हैं। इस दृष्टि से सुविचारों का महत्त्व निर्विवाद है। अक्षर अपनी इकाई में अभिव्यक्ति का वह सामर्थ्य नहीं रखते, जो सार्थकता वे शब्द बनकर और फिर वाक्य के रूप में अभिव्यक्त कर पाते हैं। विषय की संप्रेषणीयता लेख बनकर व्यापक हो पाती है।
सपने देखना मानवीय स्वभाव है, यह मानवीय विशेषता ही नहीं सामर्थ्य भी है, जो अन्य प्राणियों में दुर्लभ है। सामर्थ्य इसलिये कि हम स्वयं भी सपनों को आमंत्रित कर सकते हैं, किसी व्यक्ति, घटना, मौसम, व्यवहार विशेष के सपने देखना चुन सकते हैं।