यह पुस्तक केवल विचारों का ही नहीं अपितु अनुभवों का संकलन भी है। आज का दौर प्रतिस्पर्धा और व्यावहारिकता का दौर है। समय के बदलाव के साथ विचारों की प्रासंगिकता भी बदलती है। इस बदलते वातावरण में सफलता के लिए हमें उन योग्यताओं और निपुणताओं की आवश्यकता है जिन्हें व्यावसायिक जगत और समाज हमारी शक्तियों के रूप में स्वीकार करे। इस पुस्तक में ज्ञान, आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच, परिणाम केन्द्रित सोच, एवं मानव व्यवहार के अनेक पहलुओं को व्यावहारिक जगत से जोड़ने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक न केवल आवश्यक सिद्धांतों की व्याख्या करती है अपितु उन्हें उदाहरणों, कथनों, तर्कों और कहानियों के माध्यम से समझाती भी है और पाठक को यह विश्वास दिलाती है कि दिए गए सिद्धांतों का क्रियान्वयन करके कैसे अपने जीवन को समृद्ध और खुशहाल बनाया जा सकता है। अनावश्यक उपदेशों को पाठक पर थोपने की अपेक्षा यह पुस्तक व्यावहारिकता पर बल देती है और उन्हें समझाती है कि कैसे छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हुए, निरंतर परिश्रम करके दिए गए सफलता के सिद्धांतों को अपने अंदर ढालना है और एक दीर्घकालीन सफलता प्राप्त करनी है।