ईश्वर की कृपा से विश्वविख्यात स्वामी विवेकानन्दकृत ‘रिलीजन ऑफ लव’ (Religion of Love) का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित हो गया । दीर्घकाल से अनुभूत न्यूनता को दूर करने में यह पुस्तक सहायक हुई है । इसमें के कुछ व्याख्यान स्वामीजी ने इंग्लैंड में दिये थे और कुछ अमेरिका में । भक्त के जीवन के निर्माण के लिये इस पुस्तक के विषय अत्यावश्यक हैं । वास्तव में भक्ति की सत्य भावना को आत्मसात करने के हेतु तथा भक्त के जीवन लक्ष्य की पूर्ति के लिये वे महान् उपकारी है