‘प्रलय के बीच’ नाम से प्रस्तुत पुस्तक निश्चित रूप से एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अभिलेख है जो वर्षों बाद भी नई पीढ़ी को इस आपदा के बारे में सच्ची और प्रमाणिक जानकारी देगा। यह पुस्तक उनके द्वारा एक विशेष प्रकार की शैली और खास विधा में लिखी गई है, जो डायरी, संस्मरण और रिपोर्ताज विधा का अद्भुत संगम है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस पुस्तक को पढ़ने के पश्चात पाठकों को केदारनाथ आपदा की सही और प्रमाणिक जानकारी मिल पाएगी, निश्चित रूप से पाठकों की आंखें सम्पूर्ण घटनाक्रम को पढ़ते हुये छलछला आएगी। इस भयंकर आपदा में हताहत हुए सभी श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मैं यह पुस्तक आप सबके हाथों में सौंप रहा हूं।