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Payame Hasti
Payame Hasti

Payame Hasti

By: Diamond Books
100.00

Single Issue

100.00

Single Issue

  • पयामे-हस्ती
  • Price : 100.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Payame Hasti

ग़ज़ल न हिन्दू है न मुसलमान, न उर्दू है न हिन्दी। यह एक अत्यन्त लोक प्रिय काव्य-विधा है पूरे हिन्दी क्षेत्र में। हालांकि यह भी ऐतिहासिक सच है कि मध्य युग में ईरान से यहां आये सूफ़ी संतों ने भारतीय कवियों को ग़ज़ल से परिचित कराया। मध्य युग में निर्गुणवादी सूफी संतों ने ईश्वर को प्रेम प्राप्य कहकर हिन्दू-मुसलमानों के बीच की कट्टरता की खाई को पाटने का भी कार्य किया। ऐसा ही कार्य भारतीय भक्ति-साहित्य में भी किया जा रहा था।

मिर्ज़ा ग़ालिब मीर तक़ी मीर के अंदाज़े-बयां से काफी प्रभावित हैं। लिपियों का अन्तर भी उर्दू ग़ज़ल को हिन्दी ग़ज़ल से अलग कर देता है। उर्दू ग़ज़ल फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है जो दाईं ओर से बांयीं ओर बढ़ती है। हिन्दी ग़ज़ल को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। बहर (गति), रदीफ और क़ाफ़िया आदि की शर्तें तो दोनों में समान रूप से मान्य हैं और उनका पालन भी अनिवार्य है।