महाभारत के एक पात्र हैं नीतिज्ञ विदुर वे अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म-अधर्म, नीति-अनीति का सम्पूर्ण ज्ञान रखते हैं। इसी दृष्टि से महाभारत में विदुर की स्थिति महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। विदुर अपने व्यक्तित्व में विचित्र, प्रेरणाप्रद और मानवीय व्यवहार करते हैं। इनका एक-एक शब्द महाभारत में राज्य, राजा और प्रजा का कुशल संचालन के लिए उपदेश भी देता है। इसीलिए महाभारत में नीतिज्ञ विदुर भारतीय जनमानस में एक लोकव्यवहार के रूप में आज भी विद्यमान हैं। महाभारत में जिस संस्कृति, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के व्यवहार की आधारशिला रखी गई है, उसका वहन करते हैं योगीराज कृष्ण, भीष्म, द्रोण, कौरव, पांडव, कुंती, द्रौपदी तथा गांधारी। इनके साथ सांस्कृतिक विकास के आरोह अवरोह में सहयोगी होते हैं-कर्ण, द्रुपद तथा अन्य पात्र (चरित्र) जो सीधे महाभारत के रचना धरातल पर सक्रिय हैं।