जब से कश्मीर समस्या उत्पन्न हुई है तब से अनेक कवियों और लेखकों ने इस विषय पर अपनी कलम चलाई है, लेकिन हिन्दी के जाने माने हस्ताक्षर श्री रवीन्द्र शुक्ल ‘रवि' ने अपनी ओजपूर्व लेखनी से एक अभूतपूर्व रचना को प्रस्तुत किया है । इस रचना में कवि ने कल्पना की लंबी उड़ान भरने की बजाए यथार्थ के सुदृढ़ धरातल पर देशभक्ति का संचार तो किया है, साथ ही साथ उन नेताओं को भी आड़े हाथों लिया है जो इस समस्या के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी हैं ।
प्रस्तुत खंडकाव्य ‘नगपति मेरा वंदन ले लो' में शुक्ल जी ने भगवान शिव का आह्वान किया है कि वे उन लोगों को सद्बुद्धि दें जिनके हाथों में इस समस्या को सुलझाने की बागडोर हे । एक विशुद्ध राजनैतिक समस्या के उपाय हेतु यह दैवीय आह्वान है कि वे इस संकल्प में राष्ट्र की सहायता करें ।