आज के मानसिक तनावों से और व्यक्तिगत समस्याओं से त्रस्त जीवन में हास्य रस की कविताएं जनता के स्वास्थ्य को जितना संबल दे रही हैं, उतना कोई टॉनिक नहीं दे रहा इसलिए हिंदी के हास्य कवियों की जनता को सबसे अधिक आवश्यकता है। ऐसे कवि की चर्चा जब आती है तो एक नाम सबकी जुबान पर आता है - जैमिनी हरियाणवी। जैमिनी जी, हरियाणवी बोली में अपनी उपस्थिति प्रस्तुत कर देतेहैं।सहज सरल बोली में, गंभीर से गंभीर बात को रसयुक्त करके कहने की उनकी अपनी ही शैली है। पाठक जैमिनीजी की रचनाओं को पढ़कर आनंद विभोर होंगे।