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Mere Aaradhya Ram (मेरे आराध्य राम)
Mere Aaradhya Ram (मेरे आराध्य राम)

Mere Aaradhya Ram (मेरे आराध्य राम)

By: Diamond Books
51.00

Single Issue

51.00

Single Issue

  • Wed Jan 17, 2024
  • Price : 51.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About this issue

राम भारतीय उपमहाद्वीप में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की मानव समुदाय के आराध्य देव हैं। संस्कृत और हिंदी भाषा सहित अन्य भारतीय भाषाओं में रामकथा के प्रसंग तो समाहित हैं ही साथ-ही-साथ नेपाली, तिब्बती, कंबोडिया, तुर्किस्तान, इंडोनेशिया, जावा, बर्मा, थाइलैंड, मॉरीशस के प्राचीन साहित्य में भी रामकथा का उल्लेख मिलता है। इसका अभिप्राय यह है कि प्राचीन काल से ही राम जनमानस के हृदय में रचे-बसे हैं। इतना ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों में राम मंदिर, शिलालेख एवं अन्य साक्ष्य भी मिले हैं। रामायण के प्रथम रचनाकार महर्षि वाल्मीकि सातों महाद्वीपों में चिरपरिचित रहे हैं और आज भी हैं। राम केवल एक नाम नहीं है अपितु एक जीवन दर्शन हैं। जीवन पद्धति हैं। भगवान शिव की शिक्षाओं का विस्तार है। प्रकांड पंडित दशग्रीव को मोक्ष प्रदान कर राम पुरुषों में पुरूषोत्तम हैं। मोक्ष का मार्ग है। किसी भी युग में राम सदृश्य अन्य कोई नहीं है। रामायण के राम किसी एक धर्म और विचारधारा के देव नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के आदर्श हैं। त्रेतायुग के राम का जीवन मानव समुदाय के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी शिक्षाएं, सामाजिक परिवेश और सर्वमानवसंभाव उल्लेखनीय है। संपूर्ण विश्व के लिए यह परम सौभाग्य का विषय है कि राम जन्म भूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर वर्ष 2024 में दर्शनार्थ खुल जाएगा।

About Mere Aaradhya Ram (मेरे आराध्य राम)

राम भारतीय उपमहाद्वीप में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की मानव समुदाय के आराध्य देव हैं। संस्कृत और हिंदी भाषा सहित अन्य भारतीय भाषाओं में रामकथा के प्रसंग तो समाहित हैं ही साथ-ही-साथ नेपाली, तिब्बती, कंबोडिया, तुर्किस्तान, इंडोनेशिया, जावा, बर्मा, थाइलैंड, मॉरीशस के प्राचीन साहित्य में भी रामकथा का उल्लेख मिलता है। इसका अभिप्राय यह है कि प्राचीन काल से ही राम जनमानस के हृदय में रचे-बसे हैं। इतना ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों में राम मंदिर, शिलालेख एवं अन्य साक्ष्य भी मिले हैं। रामायण के प्रथम रचनाकार महर्षि वाल्मीकि सातों महाद्वीपों में चिरपरिचित रहे हैं और आज भी हैं। राम केवल एक नाम नहीं है अपितु एक जीवन दर्शन हैं। जीवन पद्धति हैं। भगवान शिव की शिक्षाओं का विस्तार है। प्रकांड पंडित दशग्रीव को मोक्ष प्रदान कर राम पुरुषों में पुरूषोत्तम हैं। मोक्ष का मार्ग है। किसी भी युग में राम सदृश्य अन्य कोई नहीं है। रामायण के राम किसी एक धर्म और विचारधारा के देव नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के आदर्श हैं। त्रेतायुग के राम का जीवन मानव समुदाय के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी शिक्षाएं, सामाजिक परिवेश और सर्वमानवसंभाव उल्लेखनीय है। संपूर्ण विश्व के लिए यह परम सौभाग्य का विषय है कि राम जन्म भूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर वर्ष 2024 में दर्शनार्थ खुल जाएगा।