हैं करोड़ों सूर्य लेकिन सूर्य हैं बस नाम के
जो न दें हमको उजाला वे भला किस काम के?
जो रात भर लड़ता रहे उस दीप को दीजे दुआ
सूर्य से वो श्रेष्ठ है तुच्छ है तो क्या हुआ?
वक्त आने पर मिला ले हाथ जो अँधियार से
सम्बन्ध उनका कुछ नहीं है सूर्य के परिवार से।।