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Kya Kare Pratham Varsh Mein : 1 se 12 mahine ke baccho ki dekhbaal ke tips : क्या करें प्रथम वर्ष में : 1 से 12 माह के बच्चों की देखभाल के टिप्स
Kya Kare Pratham Varsh Mein : 1 se 12 mahine ke baccho ki dekhbaal ke tips : क्या करें प्रथम वर्ष में : 1 से 12 माह के बच्चों की देखभाल के टिप्स

Kya Kare Pratham Varsh Mein : 1 se 12 mahine ke baccho ki dekhbaal ke tips : क्या करें प्रथम वर्ष में : 1 से 12 माह के बच्चों की देखभाल के टिप्स

By: Diamond Books
450.00

Single Issue

450.00

Single Issue

  • Mon Jan 16, 2017
  • Price : 450.00
  • Diamond Books
  • Language - English

About Kya Kare Pratham Varsh Mein : 1 se 12 mahine ke baccho ki dekhbaal ke tips : क्या करें प्रथम वर्ष में : 1 से 12 माह के बच्चों की देखभाल के टिप्स

इस पुस्तक में उन परामर्शों को प्रोत्साहन दिया गया, जिन्हें माता-पिता तो पसंद करते हैं, परंतु विशेषज्ञ उन पर गौर तक नहीं करना चाहते। लेखिका हैइदी ने इस पुस्तक को लिखने का विचार रखा। जब वे अपनी पुत्री एम्मा को जन्म देने वाली थीं। उसके बाद से लेकर आगे तक, उनके जीवन में पुत्री के पालन-पोषण को लेकर जो भी समस्याएं आईं या उन्होंने जो भी समाधान तलाशे, उन सभी को इस पुस्तक में शामिल किया गया है। हैइदी और उनके दल ने विशेषज्ञों की सलाह के साथ-साथ माता-पिता के रूप में मिली अमूल्य जानकारी व अनुभव को भी अपनाया। उन्होंने स्तनपान के लाभ गिनाते हुए बताया कि जब तक बच्चा तैयार न हो, उसे ठोस आहार नहीं देना चाहिए। परंतु क्या उन्होंने बताया कि अगर बच्चे का नाम सरल हो और समय के दौर व राजनीति के अंधानुकरण से परे हो तो कितना ही अच्छा होगा? उन्होंने बेबी डेली डजन वाले फूड की बात तो की, परंतु क्या यह भी बताया कि खाली बेबी फूड जार में बच्चे के लिए खाना गर्म हो सकता है। उन्होंने बच्चे को डॉक्टर की पूरी खुराक देने के बारे में तो बताया, किंतु क्या यह बताया कि उसी दवा को डॉक्टर की राय से हल्का ठंडा करके देने से उसकी कड़वाहट घटाई जा सकती है...खैर आप पुस्तक में सब कुछ जान लेंगे।

यह अपने-आप में एक अनूठी श्रेणी की पुस्तक है। कुछ लेखकों ने चिकित्सकीय सलाह अच्छी दी, परंतु विकासात्मक चरणों के बारे में नहीं बता सके। कुछ ने पोषण के बुनियादी नियमों से अधिक कुछ नहीं बताया। कुछ लोग विकास के चरणों की बात करते हैं, परंतु बच्चों के स्वास्थ्य तथा रोगों से बचाव के बारे में नहीं बता सकते। यह पुस्तक वह सब कुछ बताती है, जो कोई माता-पिता अपने नवजात को पालने के बारे में जानना चाहेगा। चाहे आप फार्मूला बनाएं या हाथ में गड़ी फांस निकालें, बच्चे की संकेत भाषा से जुड़े लाभों पर विचार करें या फिर बच्चे के किसी रोग की जानकारी लेना चाहें, यह पुस्तक आपकी मदद के लिए प्रस्तुत है। हो सकता है कि यह आपको सदा बिलकुल सटीक तथा विशेषज्ञों के स्रोतों से भरी जानकारी न दे सके, परंतु आधी रात को बीमार बच्चे की मदद के लिए उपाय तो दे ही सकती है।