संकलन के प्रथम खण्ड में पैंसठ समकालीन कविताएं संग्रहीत हैं । मेरी कविताओं में जो जीवन दृष्टि पाई जाती है उसे आप ‘आस्तिक प्रगतिवाद' कह सकते हैं।
संकलन के द्वितीय खण्ड में अड़सठ ‘गीत व गजल' संकलित हैं । यहां मैं गजल के बारे में भी कुछ कहना चाहता हूं । गजल एक प्रकार का मुक्त छंद है जिसमें हम बहुत थोड़े से स्थान में बहुत अधिक बात कह सकते हैं ।