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अपने आप क्षितिज का पर्दा झट उठ जाये मैं उस पार निकल जाऊँ तो झट गिर जाये क्या जानूँ, उस पार मिलेंगे या कि नहीं ये चाँद सितारे कैसा मौसम, कैसा जीवन क्या कुछ होगा लेकिन फिर भी इस जग से तो लाख गुना बेहतर ही होगा।