'जिस्म के छिलके’ में आचार्य निशांतकेतु की एक सौ लघुकथाएँ संगृहीत हैं। इनके तीन खंड हैं-सामाजिक संदर्भों की लघुकथाएँ, ऐतिहासिक संदर्भों की लघुकथाएँ तथा पौराणिक संदर्भों की लघुकथाएँ। ये लघुकथाएँ अपनी लक्ष्यैकचक्षुष्कता में निश्चय ही प्रथम-स्थानीयता तथा शिल्पन-प्रतिमान हैं।