मुक्तकों और रुबाइयों का यह संकलन प्रस्तुत कर रहे हैं, जो अपने ढंग का एक अनूठा प्रयास है। इसमें हिन्दी के पूर्व प्रतिष्ठित कवियों के साथ कुछ ऐसे युवा रचनाकार शामिल हैं, जिन्हें काव्य-मंचों पर तन्मयता और प्यार से झूम-झूमकर सुना जाता है और उनके द्वारा सुनाए गए मुक्तकों को लोग बड़े सम्मान से अपने साथ ले जाते हैं। खुद सुनते हैं, दूसरों को सुनाते हैं और किसी अगले आयोजन में उन्हीं रचनाओं की दोबारा फरमाइश करते हैं।