उनकी कविताएँ आम आदमी कीं जिन्दगी का आइना हैं । अल्हड़ बीकानेरी जी की अपनी जिन्दगी के अनेक शब्द चित्र आपको उनकी कविताओं में रवानी के साथ बहते हुए नजर आयेंगे । अल्हड़ बीकानेरी जी ने मंच के बिगड़ते हुए माहौल, अपने दफ्तर, आस-पास के परिवेश,पत्नी से संवादों के साथ-साथ एक मध्यमवर्गीय आम-आदमी की जिन्दगी की विसंगतियों को अपनी कविताओं में प्रमुख रूप से उजागर किया है।
अल्हड़ बीकानेरी जी की कविताएँ एक विशेष रचना प्रक्रिया से गुजरकर एक आम-आदमी के भावुक मन की विभिन्न स्थितियों का सूक्ष्मता के साथ निरीक्षण करके मनोहारी बिम्बों को अद्भुत रवानी में प्रस्तुत करती हैं ।