इस छोटी-सी पुस्तक में डायना के जीवन की छोटी-सी झलक प्रस्तुत करते हुए स्त्री-पुरुष की समानता और समान अधिकारों की दुहाई देने वालों को इस प्रश्न पर पुनः विचार करने का आग्रह करते हैं । डायना का जीवन परी-कथा की तरह एक ऐसी राजकुमारी का जीवन था जिसका जन्म एक कमल के फूल पर हुआ था और कमल के उसी फूल पर रोते-रोते उसके जीवन का अन्त भी हो गया था ।