उसके दर पर कीमती सामान छोड़ आया मैं।
जिस्म खाली ले आया और जान छोड़ आया मैं।
बुत-सा मैं चला आया, रूह छोड़कर,
चैनो-करार दिल का सुकूँ छोड़कर,
बस उदासी ले आया मुस्कान छोड़ आया मैं।
उसकी आँखों से मिली, आँखें रह गई,
उसकी सांसों में घुली, साँसे रह गई,
उसके चेहरे पर नजर कुर्बान छोड़ आया मैं।
हाथों में मैं लेकर, हाथ छोड़ आया,
उसके लबों पर रक्खी बात छोड़ आया,
एक आधी-अधूरी-सी दास्तान छोड़ आया मैं।
इसी काव्य संग्रह से