विश्व साहित्य जगत् के महान कथाकार शरत् चट्टोपाध्याय ने यद्यपि साहित्य सृजन बंगला भाषा में किया, तथापि उनकी रचनाओं के अनुवाद विश्व की इतनी भाषाओं में हुए कि वे न सिर्फ भारतीय साहित्य बल्कि इससे भी बढ़कर विश्व साहित्य के इतिहास में अमर हो गए । वे भारत के ऐसे उच्च कोटि के लेखकों में से हैं, जिन्होंने भारतीय समाज की परंपराओं और मान्यताओं को आदर्श सहित स्थापित करते हुए यथार्थ का स्पष्ट चित्रण किया है । उनके लेखन में कही भी पात्रों के चरित्र के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ और कलुषित संवाद दृष्टिगत नहीं होते, किंतु फिर भी समाज के सत्य और यथार्थ का चित्रण मिलता है ।