मेरे लिए तो ‘आलोक किरण’ एक अनमोल रत्न है। अगर कोई और भी इन पन्नों के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव महसूस कर पाया तो मैं समझूंगा कि मेरा प्रयास सार्थक रहा। पुस्तक के नाम आलोक किरण के अनुकूल हैं। जहां तक प्रेम के पत्रों के जवाब का सवाल है वह कोई जवाब नहीं वह तो ध्यान की गंगोत्री का बहाव है जो किरण के दिल में उसके प्रति प्यार और मेरे वात्सल्य के कारण ही बहा है।