जीवन का आदि बिन्दु है जन्म अथवा उत्पत्ति और उसका अन्तिम बिन्दु है मृत्यु। जीवन का सम्बन्ध आत्मा और शरीर दोनों के साथ है। जहां केवल शरीर है वहां भी जीवन नहीं होता, जहां केवल आत्मा है वहां भी जीवन जैसी बात नहीं होती। आत्मा और शरीर दोनों की युति का नाम जीवन है। जन्म धारण करने वाला संसार का हर प्राणी जीता है, फिर भले वह मनुष्य हो, पशु-पक्षी हो अथवा पेड़-पौधे आदि हों। जीना कोई बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात है कलात्मक जीवन जीना।