“हम पुण्य भूमि भारत की संतान हैं, जिनका जीवनकार्य तथा प्रयत्न् मानव वंश की दिव्यता तथा पौरुष के प्रति विश्वास जगाना है, इसलिए हम सब लोग जहां भी हों, अपनी संस्कृति का दिव्य प्रकाश हृदयों में जाग्रत रखें। प्रत्येक व्यक्ति अपनी शक्ति के अनुसार संसार की अन्य प्रकाश किरणें समेटें, जिसके कारण एक ऐसी प्रचंड अग्निज्वाला का निर्माण हो, जो समस्त संसार से अंधकार और दुख को नष्ट कर दे।“