नारी-अस्मिता और मानवीय विकास के मूल्य से जुड़े मसलों पर अपने रचनात्मक लेखन और सांस्कृतिक सहभागिता निभाने वाले लोगों में हिन्दी की चर्चित कथाकार चित्रा मुद्गल आज एक जाना-पहचाना नाम है । आधुनिक भारतीय कथा-साहित्य में एक उल्लेखनीय और सम्मानित रचनाकार हैं । उनके रचनात्मक लेखन के बारे में कहा जाता है कि समकालीन यथार्थ को वह जिस अद्भुत भाषिक संवेदना के साथ अपनी कथा-कृतियों में परत-दर-परत अनेक अर्थ छवियों में अन्वेषित करती हैं, वह चकित कर देने वाला है । लकड़बग्घा (कथा संग्रह) ऐसी ही कहानी संग्रह है जिसमें भाषिक संवेदना के साथ-साथ आम लोगों का दुःख-दर्द है