संपादन, अध्यापन व लेखन। पहली कहानी 1949 में छपी और पहला कहानी संग्रह 'प्यास एक : रूप दो' 1959 में छपा और चर्चित हुआ। 1958 में महानंद मिशन कालेज, गाज़ियाबाद में प्राध्यापक से कार्यजीवन का प्रारंभ। 1961 में भारत के सर्वश्रेष्ठ और बहुचर्चित साप्ताहिक 'धर्मयुग' के गरिमामय काल में सहायक संपादक पद सँभाला और '89 तक इसी पद पर बने रहे। 1989 से '93 तक हिंदी फिल्मफेअर का कार्यभार संभाला। 1993 से '95 तक नवभारत टाइम्स में सह संपादक रहे और फिर सांध्यकालीन 'दैनिक दोपहर' के संपादक रहे।